तेहरान/नई दिल्ली,
ईरान में अपहृत तीन भारतीय नागरिकों की सकुशल रिहाई के बाद भारत ने ईरानी सरकार का आभार जताया है। यह रिहाई भारत और ईरान के बीच भरोसे और सहयोग की मिसाल बनकर सामने आई है। भारतीय दूतावास ने इसे "दो देशों के बीच सच्ची मित्रता की भावना" करार दिया।
तीनों भारतीय — जसपाल सिंह, हुशनप्रीत सिंह और अमृतपाल सिंह, जो पंजाब से थे — 1 मई को तेहरान पहुंचे थे और कुछ ही समय बाद लापता हो गए थे। बताया जा रहा है कि वे एक स्थानीय ट्रैवल एजेंसी के जरिए ऑस्ट्रेलिया जाने की योजना बना रहे थे, जिसने उन्हें आकर्षक नौकरियों का झांसा दिया था।
परिजनों की चिंता के बाद भारतीय दूतावास ने 28 मई को ईरानी अधिकारियों के समक्ष मामला गंभीरता से उठाया। इसके बाद तेहरान पुलिस ने दक्षिण तेहरान के वरामिन इलाके में एक विशेष ऑपरेशन चलाकर तीनों भारतीयों को रिहा कराया।
ईरानी मीडिया के अनुसार, यह कार्रवाई अपहरणकर्ताओं के खिलाफ चलाए गए एक संगठित अभियान का हिस्सा थी। रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि परिजनों को पाकिस्तान से आए फोन कॉल्स के जरिए एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी, जिससे पूरे घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय रूप ले लिया।
इस घटनाक्रम के बाद ईरानी दूतावास ने भारत में बयान जारी कर बताया कि ईरान के विदेश मंत्रालय के वाणिज्य दूतावास विभाग ने इस मामले पर करीबी नजर रखी। साथ ही, भारतीय नागरिकों को आगाह किया गया है कि वे किसी भी अवैध या बिना अनुमति के काम करने वाली ट्रैवल एजेंसी के झांसे में न आएं।
भारतीय दूतावास ने रिहाई की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हम ईरान सरकार के तेज़ और प्रभावी प्रयासों के लिए आभारी हैं। आपकी सहायता भारत और ईरान के बीच सच्ची मित्रता को दर्शाती है। रिहा किए गए तीनों भारतीय नागरिक अब भारतीय दूतावास की देखरेख में हैं और जल्द भारत वापसी की प्रक्रिया में हैं।"
इस पूरी घटना ने जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय अपहरण गिरोहों की साजिशों पर ध्यान आकर्षित किया, वहीं भारत-ईरान के बीच मजबूत होते संबंधों और संकट में सहयोग की भावना को भी रेखांकित किया है।
चेतावनी:
भारतीय दूतावास ने दोहराया है कि विदेश यात्रा करने वाले भारतीय नागरिक केवल आधिकारिक और मान्यता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से ही यात्रा की योजना बनाएं और किसी भी संदिग्ध या अवैध माध्यम से दूर रहें। साथ ही, विदेश में रहते समय दूतावास से संपर्क बनाए रखना आवश्यक है।