संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क: भारत को संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) में तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए निर्वाचित किया गया है, जो 2026 से आरंभ होगा। बुधवार को हुए चुनाव में भारत को कुल 187 वैध वोटों में से 181 मत मिले, जो वैश्विक समुदाय में भारत के प्रति विश्वास और समर्थन को दर्शाता है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भारत विकास के मुद्दों को मजबूती से उठाने के प्रति प्रतिबद्ध है और हम ECOSOC को और सशक्त बनाने के लिए कार्य करते रहेंगे।” उन्होंने भारत को वोट देने वाले सभी देशों का आभार जताया और भारत के स्थायी मिशन में कार्यरत राजनयिकों को बधाई दी।
यह भारत का कम से कम 18वां कार्यकाल होगा। इससे पूर्व भारत वर्ष 2008 से 2020 तक लगातार चार कार्यकाल के लिए परिषद का सदस्य रहा है। ECOSOC संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख संस्था है जिसमें सभी 193 सदस्य देश प्रतिनिधित्व करते हैं और यह वैश्विक आर्थिक व सतत विकास से जुड़े मुद्दों पर कार्य करती है।
ECOSOC में कुल 54 सदस्य होते हैं, जिनमें से एक-तिहाई सदस्य हर तीन साल में बदलते हैं। इस वर्ष परिषद की 18 सीटों के लिए चुनाव हुआ था। एशिया-प्रशांत क्षेत्र से चार सीटें थीं, जिन पर भारत के साथ-साथ चीन (180 वोट), लेबनान (183 वोट) और तुर्कमेनिस्तान (183 वोट) को निर्वाचित घोषित किया गया। इन सभी को क्षेत्रीय समूह द्वारा पहले ही समर्थन प्राप्त था।
पूर्वी यूरोप क्षेत्र में इस बार अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिला, जहां यूक्रेन ने रूस को कड़ी टक्कर दी। पहली बार में क्रोएशिया (140 वोट) और यूक्रेन (130 वोट) निर्वाचित हुए, जबकि रूस को 108 वोट मिले और वह बेलारूस (96 वोट) के साथ रनऑफ में गया। अंतिम राउंड में रूस ने 115 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की।
इसी बीच अमेरिका और जर्मनी को उपचुनाव में ECOSOC की सदस्यता मिली, क्योंकि इटली और लिकटेंस्टीन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
अब भारत इस महत्वपूर्ण मंच पर अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ शामिल होगा, जो पहले से ही ECOSOC के सदस्य हैं।