MH 370 का हो सकता है मॉरिशस में मिला मलबा : ऑस्ट्रेलिया

Hindi Gaurav :: 03 Apr 2016 Last Updated : Printemail

सिडनी : ऑस्ट्रेलिया के परिवहन मंत्री ने कहा है कि हिंद महासागरीय द्वीप मॉरिशस में मिले नए मलबे की जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यह मलबा एमएच370 का तो नहीं है ।  इससे कुछ सप्ताह पहले ही मोजांबिक में मिले दो टुकड़ों को लापता विमान के हिस्सों के रूप में देखा जा रहा था ।  


न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू ने रीयूनियन द्वीप की वेबसाइट क्लिकानू के हवाले से खबर दी कि यह मलबा मॉरिशस के द्वीप रोड्रिग्ज पर छुट्टियां मना रहे एक दंपति को मिला था । ऑस्ट्रेलियाई परिवहन मंत्री डैरेन चेस्टर ने कहा, 'मलेशियाई सरकार मॉरिशस के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि मलबे का संरक्षण हासिल किया जा सके और इसकी जांच का प्रबंध किया जा सके । यह मलबा दिलचस्पी का विषय है । जब तक विशेषज्ञ इसकी जांच नहीं कर लेते तब तक इसके मूल का पता लगाया जाना संभव नहीं है ।' अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस मलबे का परीक्षण कौन-सा देश करेगा । 


उड्डयन विशेषज्ञ डोन थॉम्पसन ने ऑस्ट्रेलियाई न्यूज वेबसाइट को बताया कि यह हिस्सा मलेशिया एयरलाइंस के बोइंग 777 के बिजनेस या इकोनॉमी क्लास के केबिन की आंतरिक दीवार हो सकती है । इससे लगभग दो सप्ताह पहले ही ऑस्ट्रेलियाई और मलेशियाई अधिकारियों ने कहा था कि मोजांबिक में मलबे के रूप में मिले दो टुकड़े लगभग निश्चित तौर पर एमएच370 के हैं । एक अन्य टुकड़ा दक्षिण अफ्रीका के वेस्टर्न केप में स्थित मोसेल बे नामक छोटे से शहर के पास मिला था । दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों ने पिछले माह कहा था कि इस टुकड़े का भी विश्लेषण किया जाएगा ताकि पता लगाया जा सके कि क्या यह एमएच370 का हिस्सा है? इन हालिया खोजों से पहले विमान का सिर्फ एक पंख ही हिंद महासागर में रीयूनियन द्वीप से मिला था, जो मोजांबिक के पूर्व में और मॉरिशस के पड़ोस में स्थित है। इस बात की पुष्टि हो गई थी कि यह दो साल पहले लापता हुए विमान का ही हिस्सा था । 

हिंद महासागर के सुदूर हिस्सों में एमएच370 की खोज का नेतृत्व ऑस्ट्रेलिया कर रहा है । ऐसा माना जाता है कि कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहा विमान 8 मार्च 2014 को लापता हुआ विमान हिंद महासागर पर ही रास्ता भटका था। इसमें 239 यात्री सवार थे । ऑस्ट्रेलिया, चीन और मलेशिया की सरकारों ने कहा है कि वे तब तक खोज जारी रखेंगे, जब तक लक्षित क्षेत्र की पूरी तलाशी नहीं हो जाती या फिर कोई नई जानकारी नहीं मिल जाती ।

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