प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग ने रविवार को बांग्लादेश के आम चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। हसीना की अवामी लीग ने 300 में से 260 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, इसकी मुख्य सहयोगी जतिया पार्टी को 21 सीटें मिलीं। वनडे टीम के कैप्टन मशरफे मुर्तजा ने भी अवामी लीग के टिकट पर चुने गए। प्रमुख विपक्षी दल नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ) और इसके सहयोगी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) महज 7 सीटों पर सिमट कर रह गई।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हसीना को फोन पर उनकी पार्टी की एकतरफा जीत पर बधाई दी। बातचीत में हसीना ने बांग्लादेश के विकास के लिए लगातार मिल रहे सहयोग के लिए भारत को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने आगे मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया।
विपक्ष ने लगाया गड़बड़ी का आरोप
आम चुनाव के बीच हुई हिंसा में एक सुरक्षाकर्मी समेत 17 लोगों के मारे जाने की खबर है। विपक्ष ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दोबारा चुनाव कराने की मांग की। 300 में से 299 सीटों के नतीजे आए हैं। प्रत्याशी की मौत के चलते एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
बांग्लादेश चुनाव आयोग के मुताबिक, हसीना को दक्षिण पश्चिमी गोपालगंज सीट से जीत हासिल की। उन्हें 2,29,539 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बीएनपी के उम्मीदवार को महज 123 वोट मिले। एनयूएफ गठबंधन में बीएनपी, गोनो फोरम, जतिया समाजतांत्रिक दल (जेएसडी), नागोरिक ओकाया और कृषक श्रमिक जनता लीग शामिल हैं।
एनयूएफ के संयोजक कमल हुसैन ने कहा, "हम चुनाव परिणामों को अस्वीकार करते हैं। हमारे पास सभी सेंटरों पर फर्जीवाड़े की रिपोर्ट है। हमारी इलेक्शन कमीशन से मांग है कि चुनावों को तुरंत निरस्त किया जाए।'' उधर, बीएनपी के जनरल सेक्रेटरी मिर्जा फखरुल आलमगीर ने चुनावों को "क्रूर मजाक" बताया।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि देशभर में हिंसा की 100 शिकायतें मिली हैं। बताया जा रहा है कि मरने वालों में ज्यादातर सत्ता पार्टी के कार्यकर्ता हैं।
बांग्लादेश चुनावों में हिंसा की आशंका को देखते हुए चुनाव आयोग ने 6 लाख सुरक्षा जवानों को तैनात किया था। मुख्य चुनाव आयुक्त नूरुल हुदा ने बताया कि देश में करीब 10.41 करोड़ मतदाता हैं। कुछ घटनाओं को छोड़कर चुनाव शांतिपूर्ण रहा। सुरक्षा कारणों के चलते मतदान के दौरान इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया था।