उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने नए साल के भाषण में धमकी दी कि अमेरिका ने प्रतिबंधों को हटाने के बारे में नहीं सोचा तो हम शांति का रास्ता बदल लेंगे। क्योंकि देश की सुरक्षा और हितों के लिए यह जरूरी है। पिछले साल 12 जून को किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति की सिंगापुर में पहली बार बातचीत हुई थी। इसमें सहमति बनी थी कि उत्तर कोरिया परमाणु कार्यक्रम रोक देगा। दोनों नेताओं की चर्चा के बाद से उत्तर कोरिया ने कोई मिसाइल परीक्षण नहीं किया लेकिन अमेरिका ने प्रतिबंधों में कोई राहत नहीं दी।
'अमेरिका को अपना वादा पूरा करना चाहिए'
उत्तर कोरिया ने देश के टेलीविजन पर कहा- अगर अमेरिका दुनिया के सामने आकर अपना वादा (प्रतिबंध हटाने का) पूरा नहीं करता और वह हम पर दबाव ही बनाए रखता है तो ऐसे में हमें दूसरा रास्ता ही अख्तियार करना पड़ेगा। देशहित और संप्रभुता के लिए यही जरूरी है।
किम के मुताबिक- मैं प्रेसिडेंट ट्रम्प के साथ दोबारा बातचीत के लिए तैयार हूं ताकि बेहतर भविष्य के लिए सही रणनीति बनाई जा सके। मुझे लगता है कि पूरी दुनिया इसका स्वागत करेगी।
उत्तर कोरिया के तानाशाह ने यह भी कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया को संयुक्त युद्धाभ्यास नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे तनाव बढ़ता है। दक्षिण कोरिया में अमेरिका के 28500 सैनिक हैं। इनकी तैनाती उत्तर कोरिया से सुरक्षा के लिहाज से ही की गई है।
किम ने सिंगापुर वार्ता का हवाला देते हुए कहा कि ट्रम्प ने बातचीत को कामयाब बताया था और दोनों नेताओं ने सकारात्मक विचार साझा किए थे। दरअसल, सिंगापुर में दोनों नेताओं ने सिंगापुर में एक अस्पष्ट से समझौते पर दस्तखत किए थे।
इसके बाद से उत्तर कोरिया और अमेरिका में परमाणु कार्यक्रम खत्म करने को लेकर कोई खास रणनीति नहीं बनाई गई। ट्रम्प ने पिछले साल अपने विदेश मंत्री का प्योंगयांग दौरा यह कहकर रद्द कर दिया था कि जब मामले में कोई खास तरक्की नहीं हुई तो वहां जाने से फायदा नहीं।
अब तक उत्तर कोरिया हाइड्रोजन बम समेत 6 परमाणु परीक्षण और कई मिसाइलों के टेस्ट कर चुका है। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं।