डॉक्टरों और दूसरे मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से सख्ती से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नया बिल तैयार किया है. "The Healthcare Service Personnel and Clinical Establishments (Prohibition of Violence and Damage to Property) Bill 2019" नाम के इस ड्राफ्ट बिल में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्ती से करवाई करने का प्रावधान शामिल किया गया है. ड्राफ्ट बिल में दोषियों को तीन से दस साल तक की सजा और दो से दस लाख तक की फाइन का प्रावधान शामिल किया गया है.
ड्राफ्ट बिल में कहा गया है की इस तरह के हमलों को “संज्ञेय” और “गैर जमानती” अपराध माना जायेगा. तैयारी इस बिल के जरिये मेडिकल समुदाय में बढ़ती असुरक्षा को दूर करने की है.
साथ ही, ड्राफ्ट बिल में अस्पतालों और नर्सिंग होम में तोड़-फोड़ करने वालों को नुकसान की भरपाई भी करनी होगी. प्रस्तावित ड्राफ्ट बिल में कहा गया है की दोषी ने अस्पताल या नर्सिंग होम को जितना नुकसान पहुंचाया है उसका फेयर मार्किट वैल्यू के मुताबिक दोगुना पैसा मुआवज़े के तौर पर देना होगा.
फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय ने ड्राफ्ट बिल को अपने वेबसाइट पर शेयर किया है और जनता से अगले 30 दिन में सुझाव मांगे हैं. स्टेकहोल्डर्स के सुझावों की समीक्षा के बाद ड्राफ्ट बिल को अंतिम रूप दिया जायेगा.