पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन

Hindi Gaurav :: 27 Sep 2020 Last Updated : Printemail

Jaswant Singh death news: Former BJP leader Jaswant Singh passes away |  India News - Times of Indiaपूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का रविवार को निधन हो गया. वो 82 साल के थे. उन्हें दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में 25 जून को भर्ती कराया गया था. उनका मल्टीअर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम के साथ सेप्सिस का इलाज किया जा रहा था. रविवार को सुबह उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया. उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी.उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की है.

पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जसवंत सिंह जी ने पूरी लगन के साथ हमारे देश की सेवा की.पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान. पीएम ने कहा कि अटल जी की सरकार के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और विदेश मामलों की दुनिया में एक मजबूत छाप छोड़ी. उनके निधन से दुखी हूं.

जसवंत सिंह 1960 में सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर राजनीति के मैदान में उतरे थे. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में वह अपने करियर के शीर्ष पर थे. 1998 से 2004 तक राजग के शासनकाल में जसवंत ने वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालयों का नेतृत्व किया.

जसवंत का राजनीतिक करियर कई उतार-चढ़ाव से गुजरा और इस दौरान विवादों से उनका चोली दामन का साथ रहा. 1999 में एयर इंडिया के अपहृत विमान के यात्रियों को छुड़ाने के लिए आतंकवादियों के साथ कंधार जाने के मामले में उनकी काफी आलोचना हुई. राजग शासन के दौरान जसवंत सिंह हमेशा अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वासपात्र व करीबी रहे. वह ब्रजेश मिश्र और प्रमोद महाजन के साथ वाजपेयी की टीम के अहम सदस्य थे.

बाद में वह 2009 तक राज्य सभा में विपक्ष के नेता रहे और गोरखालैण्ड के लिए संघर्ष करने वाले स्थानीय दलों की पेशकश पर दार्जिलिंग से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. जसवंत सिंह को एक समय ऐसी स्थिति का भी सामना करना पड़ा जब अगस्त 2009 में उन्हें अपनी पुस्तक ‘जिन्नाः भारत विभाजन और स्वतंत्रता’ में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा करने पर भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था.

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