नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर लगे प्याज घोटाले के आरोपों की जांच अब एंटी करप्शन ब्रांच करेगी। इसके लिए एसीबी ने 5 सदस्यों की एक टीम भी बना दी है। दिल्ली बीजेपी के नेता और आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग की शिकायत पर एसीबी ने कदम उठाया है।
विवेक गर्ग ने एक आरटीआई के हवाले से आरोप लगाया था कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने नासिक से प्याज औसत 18 रुपये किलो खरीद कर दिल्ली की जनता को 40 रुपये किलो में बेचा।
इस आरोप को दिल्ली सरकार पहले ही नकार चुकी है और कह चुकी है कि ये प्याज उसने नहीं बल्कि केंद्र सरकार की एजेंसी SFAC ने खरीदी है और दिल्ली सरकार को ये प्याज करीब 33 रुपये में मिल रही है और ट्रांसपोर्टेशन और डीलर कमीशन को मिलाकर इसकी कीमत 40 रुपये किलो पड़ रही है जिस पर 10 रुपये किलो की सब्सिडी देकर वह 30 रुपये किलो में बेच रही है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, "हम प्याज के तथाकथित घोटाले में हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं। हम पहले ही सारे दस्तावेज मीडिया के सामने रख चुके हैं, हम सारे दस्तावेज मोदी जी की एसीबी को भेज देंगे।"
साथ में सिसोदिया ने ये भी कहा कि "मोदी जी भी अपने एलजी साहब को कहें कि सीएनजी घोटाले की जांच में सहयोग करें, उसे रुकवाने के लिए कोर्ट के धक्के ना खाते फिरें।"
इस बीच सेंट्रल दिल्ली में दिल्ली सरकार के इस प्याज घोटाले के आरोपों से संबंधित कुछ पोस्टर सड़कों पर दिखे जिसमें ये कहा जा रहा है कि प्याज की कीमत तो 18 रुपये किलो है, लेकिन इसमें "केजरीवाल टैक्स शामिल" होने से ये आपको 40 रुपये किलो मिल रही है। इस पोस्टर के नीचे दिल्ली सरकार का लोगों कुछ इस तरह लगा है जैसे ये दिल्ली सरकार का पोस्टर हो, लेकिन असल में इसे लगवाने वाले का कोई अता-पता नहीं है।