वर्क फ्रॉम होम पर CEO का बड़ा बयान: "अगर मैंने घर से काम किया होता, तो आज इस मुकाम पर नहीं होती"

वर्क फ्रॉम होम पर CEO का बड़ा बयान: "अगर मैंने घर से काम किया होता, तो आज इस मुकाम पर नहीं होती"

वर्क फ्रॉम होम (WFH) को लेकर बहस एक बार फिर गर्म हो गई है। इस बार अमेरिका की एक मशहूर CEO एम्मा ग्रेडे (Emma Grede) के बयान ने इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। उन्होंने दावा किया है कि अगर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में घर से काम किया होता, तो वह कभी भी इतनी सफल नहीं बन पातीं।

एम्मा ग्रेडे ने लोकप्रिय पॉडकास्ट ‘डायरी ऑफ अ सीईओ’ में अपने विचार साझा करते हुए कहा,
“अगर मैं अपनी बीस की उम्र में वर्क फ्रॉम होम करती, तो आज मैं इस मुकाम पर नहीं होती। इसमें कोई शक नहीं है।”

42 वर्षीय एम्मा ग्रेडे अमेरिकी फैशन इंडस्ट्री में एक जानी-मानी हस्ती हैं। उन्होंने ख्लोए कार्डाशियन के साथ मिलकर डेनिम ब्रांड गुड अमेरिकन की स्थापना की और किम कार्डाशियन के साथ मशहूर शेपवियर ब्रांड स्किम्स की सह-स्थापक हैं।

गौरतलब है कि स्किम्स की मौजूदा वैल्यूएशन 4 अरब डॉलर से अधिक है, जबकि गुड अमेरिकन की कीमत भी 3 अरब डॉलर के पार है। उनके इस बयान ने दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।

एम्मा के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग उनके विचारों से सहमत हैं और मानते हैं कि ऑफिस कल्चर नेटवर्किंग और करियर ग्रोथ के लिए अहम है, जबकि दूसरे वर्ग का कहना है कि डिजिटल युग में घर से काम करके भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है।

भारत समेत कई देशों में वर्क फ्रॉम होम एक स्थायी मॉडल बनता जा रहा है, खासकर आईटी और मीडिया क्षेत्रों में। ऐसे में एम्मा ग्रेडे का यह बयान नई बहस को जन्म दे रहा है कि क्या सफलता का रास्ता केवल दफ्तर से होकर गुजरता है?

क्या आप वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में हैं या खिलाफ?
यह बहस आगे और तेज़ होने वाली है।