पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान के क्वेटा में सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब पाकिस्तान को अपने सहयोगी देशों के सामने 'भीख के कटोरे' के साथ नहीं जाना पड़ता। उन्होंने चीन, सऊदी अरब, यूएई, तुर्की, अज़रबैजान और कतर जैसे देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को 'बेहतर और भरोसेमंद' बताया।
प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने संबोधन में हाल ही में नियुक्त किए गए फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का भी उल्लेख किया और कहा, “मैं और फील्ड मार्शल मुनीर आख़िरी लोग होंगे जो इस आर्थिक बोझ को अपने कंधों पर ढोते रहेंगे।”
उन्होंने स्वीकार किया कि भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के एयरबेस पर किए गए हालिया हमले से उनकी रक्षा व्यवस्था 'चौंक गई' थी, जो एक महत्वपूर्ण सामरिक विफलता की ओर इशारा करता है।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि चीन, पाकिस्तान का "सबसे आज़माया हुआ और समय-परखा दोस्त" है, जबकि सऊदी अरब को "सबसे भरोसेमंद और वफादार मित्र" बताया। इसके अलावा उन्होंने तुर्की, यूएई और कतर को भी महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताया।
इस बीच, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा प्रस्तावित 2.3 अरब डॉलर के नए ऋण पर भारत ने आपत्ति जताई है। भारत ने इस पर मतदान से भी दूरी बनाई है, यह कहते हुए कि इस फंड का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया जा सकता है। गौरतलब है कि 1958 से अब तक IMF ने पाकिस्तान को कुल 25 बार बेलआउट पैकेज दिया है।
प्रधानमंत्री शरीफ ने इस संदर्भ में कहा कि पाकिस्तान अब आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहा है और अपने पुराने आर्थिक मॉडल को पीछे छोड़ रहा है।