नॉर्वे की ‘धनकर’ नीति बनी चेतावनी: 84 अरब डॉलर की चूक से ऑस्ट्रेलिया को सबक लेने की ज़रूरत

नॉर्वे की ‘धनकर’ नीति बनी चेतावनी: 84 अरब डॉलर की चूक से ऑस्ट्रेलिया को सबक लेने की ज़रूरत

सिडनी — ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी की नई सुपर टैक्स नीति को लेकर गहमागहमी तेज़ हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि नॉर्वे का उदाहरण ऑस्ट्रेलिया के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है — कि कैसे एक 'समृद्धि कर' (Wealth Tax) देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुँचा सकता है।

ऑस्ट्रेलिया के कोषाध्यक्ष जिम चाल्मर्स द्वारा घोषित नीति में, उन सुपरएन्युएशन खातों पर टैक्स दर 15% से बढ़ाकर 30% करने की बात कही गई है जिनमें $3 मिलियन (लगभग ₹20 करोड़) से अधिक राशि है। इस नीति की सबसे विवादास्पद बात यह है कि इसमें अवास्तविक लाभ (unrealised gains) — यानी अभी तक बेचे नहीं गए संपत्तियों जैसे शेयर, ज़मीन या खेत की अनुमानित कीमत पर भी टैक्स लगेगा।

कोषाध्यक्ष चाल्मर्स ने इसे "मामूली बदलाव" बताते हुए कहा कि "यह केवल एक बेहद सीमित वर्ग को प्रभावित करेगा", लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों और निवेशकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

नॉर्वे में इसी तरह की नीति पहले से लागू है — और इसके परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं। 2023 में वहां की केंद्र-वाम सरकार ने संपत्ति कर (Wealth Tax) को 0.85% से बढ़ाकर 1.1% कर दिया, और लाभांश पर कर को भी बढ़ाया गया। इसका असर यह हुआ कि अरबपति व्यवसायी और टेक उद्यमी देश छोड़ने लगे। अनुमान है कि इस नीति के कारण देश से लगभग 84 अरब डॉलर की संपत्ति का पलायन हो चुका है।

इस मुद्दे पर नॉर्वे के तकनीकी उद्यमी क्रिस्टर डाल्सबो द्वारा एक व्यंग्यात्मक गाना भी वायरल हुआ था —
"डोंट कम टू नॉर्वे, वी विल टैक्स यू टिल यू’र पुअर…"
(“नॉर्वे मत आओ, हम तुम्हें तब तक टैक्स देंगे जब तक तुम गरीब न हो जाओ…”)
गाने में वह कहते हैं कि देश में कागज़ी वैल्यू पर भी टैक्स लगाया जाता है, जिससे शेयर बेचने की मजबूरी हो जाती है।

क्या है अवास्तविक लाभ टैक्स?
इसमें आपकी संपत्ति की बाज़ार कीमत के आधार पर टैक्स लिया जाता है, भले ही आपने वह संपत्ति बेची न हो। यानी अगर किसी किसान की ज़मीन की कीमत बढ़ गई है लेकिन उसने न उसे बेचा है, न उससे कोई मुनाफा कमाया है — फिर भी सरकार टैक्स वसूलेगी।

विशेषज्ञों की चेतावनी:

  • यह नीति निवेश को हतोत्साहित करेगी।

  • मिडिल क्लास और किसान भी प्रभाव में आएंगे।

  • टैक्स का आकलन अनुमान के आधार पर होगा, जो विवाद और कानूनी लड़ाइयों को जन्म दे सकता है।

  • उद्यमी और निवेशक कम टैक्स वाले देशों का रुख कर सकते हैं, जैसा नॉर्वे में हुआ।

ऑस्ट्रेलियाई निवेशक और पेंशन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार इस नीति को जल्द नहीं रोकेगी, तो देश को गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

निष्कर्ष:
नॉर्वे की नीति ऑस्ट्रेलिया के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि 'अत्यधिक कर' का बोझ देश की अर्थव्यवस्था को पीछे ले जा सकता है। अगर सुपर टैक्स में अवास्तविक लाभ को शामिल किया गया, तो यह केवल धनी वर्ग को नहीं बल्कि मध्यम वर्गीय नागरिकों, किसानों और रिटायरमेंट योजनाओं को भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है।