"धर्मनिरपेक्षता दोतरफा होनी चाहिए": पवन कल्याण ने शरमिष्ठा पानौली की गिरफ्तारी पर जताई नाराज़गी

"धर्मनिरपेक्षता दोतरफा होनी चाहिए": पवन कल्याण ने शरमिष्ठा पानौली की गिरफ्तारी पर जताई नाराज़गी

कोलकाता, 1 जून 2025 — कोलकाता पुलिस द्वारा 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शरमिष्ठा पानौली की गिरफ्तारी पर सियासत गरमा गई है। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जन कल्याण सेना के नेता पवन कल्याण ने इस कार्रवाई पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि “धर्मनिरपेक्षता एकतरफा नहीं हो सकती, यह दोतरफा सड़क होनी चाहिए।”

शरमिष्ठा को एक वायरल वीडियो में आपत्तिजनक और सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस वीडियो में उन्होंने बॉलीवुड अभिनेताओं की भी आलोचना की थी कि वे पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चुप क्यों रहे, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

उनके खिलाफ कोलकाता में दर्ज एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की वे धाराएं लगाई गई हैं जो धर्म के आधार पर वैमनस्य फैलाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने से संबंधित हैं। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

पवन कल्याण ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शरमिष्ठा ने भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द कहे, जो दुर्भाग्यपूर्ण थे। उन्होंने गलती मानी, वीडियो हटाया और माफ़ी भी मांगी। लेकिन जब चुने हुए प्रतिनिधि और सांसद 'सनातन धर्म' का अपमान करते हैं और उसे ‘गंदा धर्म’ कहते हैं, तब उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती? क्या यह दोहरे मानदंड नहीं है?”

उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान की ओर भी इशारा किया जिसमें उन्होंने बीजेपी पर ‘गंदा धर्म’ फैलाने का आरोप लगाया था और कहा था कि यह असली हिंदू धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है।

पवन कल्याण ने वीडियो साझा करते हुए कहा, “धार्मिक अपमान हमेशा निंदनीय होना चाहिए, चाहे वो किसी भी धर्म का हो। धर्मनिरपेक्षता कुछ के लिए ढाल और कुछ के लिए तलवार नहीं बन सकती। यह सभी के लिए समान होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल पुलिस, देश देख रहा है – न्यायसंगत कार्रवाई कीजिए।”

इस बीच, कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया पर चल रहे ‘ग़लत गिरफ्तारी’ के आरोपों को खारिज करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है। पुलिस के अनुसार, “शरमिष्ठा को नोटिस देने के कई प्रयास किए गए, लेकिन वह बार-बार अनुपस्थित रहीं। इसके बाद अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ और उन्हें गुरुग्राम से कानूनी प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया गया। सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।”

शरमिष्ठा पानौली ने विवाद बढ़ने के बाद अपनी पोस्ट हटाकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी।

यह मामला अब धर्मनिरपेक्षता, राजनीतिक पक्षपात और सामाजिक मीडिया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर राष्ट्रीय बहस का केंद्र बनता जा रहा है।