कैनबरा — ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में एक नए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। लेबर सरकार ने यह स्वीकार किया है कि प्रस्तावित "सुपर टैक्स" नियमों से प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ सहित कई राजनेता बाहर रखे जाएंगे, जबकि आम नागरिकों पर इसका पूरा असर पड़ेगा।
सरकार की इस घोषणा के बाद आलोचकों ने इसे "दोहरे मापदंड" और "जनता के साथ विश्वासघात" करार दिया है। विपक्षी नेताओं और स्वतंत्र विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय "नैतिक रूप से गलत" और "बेहद आपत्तिजनक" है, क्योंकि यह नेताओं को आम जनता से बेहतर स्थिति में रखता है।
प्रस्तावित सुपर टैक्स उन उच्च रिटायरमेंट फंड्स पर लागू किया जाना है जो $3 मिलियन से अधिक हैं। हालांकि, सरकारी सांसदों को मिलने वाले विशिष्ट पेंशन स्कीम को इससे बाहर रखा गया है।
पूर्व कोषाध्यक्ष और वर्तमान विपक्षी प्रवक्ता ने कहा, “यह एक शर्मनाक उदाहरण है कि कैसे राजनीतिक वर्ग अपने लिए विशेष नियम बनाता है। अगर यह टैक्स जरूरी है, तो नेताओं पर भी वही नियम लागू होने चाहिए।”
वित्त मंत्रालय ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि यह पुराने पेंशन सिस्टम की तकनीकी वजहों से हो रहा है, जिसे बदलना जटिल है। हालांकि, इस स्पष्टीकरण से संतोषजनक जवाब नहीं मिला है और बहस और तीव्र होती जा रही है।
जनता के बीच भी इस मुद्दे को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है, खासकर उन लोगों के बीच जो रिटायरमेंट के लिए निजी सुपरफंड्स पर निर्भर हैं और अब अतिरिक्त टैक्स का बोझ उठाना पड़ेगा।
इस मामले ने प्रधानमंत्री अल्बनीज़ की पारदर्शिता और ईमानदारी की नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर संसद में तीखी बहस होने की संभावना है