'गेम-चेंजिंग' प्रस्ताव: भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते में अहम भूमिका निभाएंगे खनिज

'गेम-चेंजिंग' प्रस्ताव: भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते में अहम भूमिका निभाएंगे खनिज

नई दिल्ली/कैनबरा, 1 जून 2025

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement – FTA) अब एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है, जिसमें "क्रिटिकल मिनरल्स" यानी महत्वपूर्ण खनिजों की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। भारत ने इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया से इन खनिजों पर प्राथमिक पहुंच (preferential access) की मांग की है और इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई सुपर फंड्स से निवेश प्रोत्साहन की भी अपील की है।

ऑस्ट्रेलिया विश्व स्तर पर लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, ग्रेफाइट और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (rare earth elements) जैसे खनिजों का एक प्रमुख उत्पादक है, जो कि बैटरी निर्माण, इलेक्ट्रिक वाहन, और हरित ऊर्जा ट्रांजिशन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। भारत इन खनिजों को अपनी उभरती मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए आवश्यक मानता है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत चाहता है कि ऑस्ट्रेलिया इन खनिजों की आपूर्ति में उसे प्राथमिकता दे, ताकि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिल सके। इसके अलावा, भारत ऑस्ट्रेलियाई सुपर एन्यूएशन फंड्स को भारत में अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में निवेश के लिए आकर्षित करना चाहता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह समझौता सफलतापूर्वक क्रियान्वित होता है, तो यह दोनों देशों के लिए ‘गेम-चेंजिंग’ साबित हो सकता है। एक ओर भारत को आवश्यक कच्चे माल की सुनिश्चित आपूर्ति मिलेगी, वहीं ऑस्ट्रेलिया को तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक निवेश का अवसर मिलेगा।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग पहले से ही मज़बूत है, लेकिन यह प्रस्तावित समझौता इसे नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है। आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच इस पर गहन वार्ताएं होने की संभावना है।