‘बहुत खतरनाक’: ऑस्ट्रेलियाई सोशल मीडिया स्टार ने की कैटफिशिंग कानूनों को सख्त करने की मांग ऑनलाइन धोखाधड़ी और डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की अपील

‘बहुत खतरनाक’: ऑस्ट्रेलियाई सोशल मीडिया स्टार ने की कैटफिशिंग कानूनों को सख्त करने की मांग ऑनलाइन धोखाधड़ी और डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की अपील

सिडनी, 1 जून 2025
एक प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने कैटफिशिंग (फर्जी पहचान बनाकर धोखा देना) और डिजिटल इम्पर्सोनेशन (किसी और की पहचान का दुरुपयोग) के खिलाफ कड़े कानूनों की मांग की है। यह मांग तब उठी जब उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरों को भारी रूप से एडिट करके बनाए गए एक फर्जी अकाउंट का खुलासा किया।

इस फेक अकाउंट पर उनकी असली तस्वीरों को डीपफेक तकनीक से बदलकर एक पूरी तरह से नई लेकिन झूठी ऑनलाइन पहचान बनाई गई थी। इस अकाउंट से ऐसे संदेश और पोस्ट किए जा रहे थे जो उस इन्फ्लुएंसर की छवि को नुकसान पहुंचा सकते थे और अन्य लोगों को भ्रमित कर सकते थे।

प्रभावित इन्फ्लुएंसर ने इसे “बेहद खतरनाक ट्रेंड” बताते हुए कहा, “यह सिर्फ मेरी निजता का हनन नहीं है, बल्कि यह लोगों को जानबूझकर गुमराह करने और साइबर अपराध को बढ़ावा देने वाला कृत्य है। अगर इस पर अभी कार्रवाई नहीं हुई, तो आगे चलकर यह बहुत बड़ा खतरा बन सकता है।”

उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से मांग की कि ऐसे मामलों के लिए विशेष साइबर अपराध कानून तैयार किए जाएं, जिसमें डीपफेक, डिजिटल पहचान की चोरी, और कैटफिशिंग के दोषियों को कड़ी सज़ा दी जा सके।

कई डिजिटल सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताया है और चेतावनी दी है कि डीपफेक तकनीक का दुरुपयोग न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी गंभीर संकट पैदा कर सकता है।

फिलहाल यह मामला साइबर सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम ने फर्जी अकाउंट को हटा दिया है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर डिजिटल सुरक्षा की गंभीरता को उजागर कर दिया है।

निष्कर्ष:
डिजिटल युग में जहां टेक्नोलॉजी तरक्की कर रही है, वहीं इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कानून और जागरूकता दोनों की सख्त जरूरत है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराध अब केवल तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय बन चुका है।