ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टिट्यूट (ASPI) पर कड़ा हमला बोला है। यह हमला उस रिपोर्ट के बाद आया जिसमें ASPI ने सरकार की रक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी थी कि यदि रक्षा खर्च में पर्याप्त वृद्धि नहीं की गई तो ऑस्ट्रेलिया केवल "कागज़ी सेना" बनकर रह जाएगा।
प्रधानमंत्री अल्बानीज़ ने थिंक टैंक की आलोचना को "गैर-ज़िम्मेदाराना" और "एकतरफा" बताते हुए कहा, "जो लोग हमें सलाह देने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें पहले खुद को आइने में देखना चाहिए। हमारी सरकार ने रक्षा के क्षेत्र में ठोस और दीर्घकालिक रणनीतिक कदम उठाए हैं।"
यह बयान तब आया जब उत्तरी क्षेत्र स्थित RAAF बेस टिंडल में ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों की एक बड़ी सैन्य अभ्यास चल रही थी। इस अभ्यास का उद्देश्य देश की सामरिक तैयारियों और क्षेत्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना है।
ASPI की रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया था कि सरकार रक्षा बजट को पर्याप्त रूप से नहीं बढ़ा रही, जिससे सेना की युद्ध क्षमता प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, "यदि तत्काल निवेश नहीं किया गया तो ऑस्ट्रेलिया की सेना केवल दस्तावेजों में शक्तिशाली दिखाई देगी, वास्तविकता में नहीं।"
लेकिन अल्बानीज़ सरकार ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा कि 2025-26 के बजट में रक्षा खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है और सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि "हम रणनीतिक सहयोगियों के साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी प्राथमिकता हंगामा नहीं, बल्कि हकीकत पर आधारित रणनीति है।"
इस तीखी बहस ने ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नीति और थिंक टैंकों की भूमिका पर एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है।