ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने अमेरिका के उस अनुरोध को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ऑस्ट्रेलिया से अपनी रक्षा व्यय को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की थी।
प्रधानमंत्री अल्बनीज़ ने रविवार को स्पष्ट किया कि ऑस्ट्रेलिया अपनी मौजूदा रक्षा नीतियों और बजट रूपरेखा पर कायम रहेगा। उन्होंने कहा, "हम अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं के अनुसार काम कर रहे हैं और हमारी रक्षा नीति ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा जरूरतों पर आधारित है, किसी बाहरी दबाव पर नहीं।"
यह बयान उस वक्त आया है जब अमेरिका और चीन के बीच ताइवान को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका चाहता है कि उसके सहयोगी देश ताइवान के समर्थन में एकजुट होकर खड़े हों। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यदि ताइवान पर चीन हमला करता है तो वह अमेरिका के साथ सैन्य कार्रवाई में शामिल होगा या नहीं।
विश्लेषकों का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया की यह स्थिति उसके ‘कूटनीतिक संतुलन’ की रणनीति का हिस्सा है, जहां वह अमेरिका का करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ चीन के साथ भी व्यापारिक संबंध बनाए रखना चाहता है।
प्रधानमंत्री अल्बनीज़ के इस फैसले पर विपक्षी नेताओं ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने सरकार की आत्मनिर्भर रक्षा नीति की सराहना की, जबकि कुछ ने चीन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अधिक रक्षा व्यय की आवश्यकता जताई।
पृष्ठभूमि:
वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया का रक्षा खर्च जीडीपी का लगभग 2.1 प्रतिशत है, जिसे 2030 तक बढ़ाने की योजना है। लेकिन अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 3 प्रतिशत का लक्ष्य ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था पर बड़ा वित्तीय बोझ डाल सकता है।
इस मुद्दे पर आगे की नीति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।