ऑनलाइन शॉपिंग की मार: ऑस्ट्रेलिया में 1.5 अरब डॉलर के नए उत्पाद बन रहे 'कचरा'

ऑनलाइन शॉपिंग की मार: ऑस्ट्रेलिया में 1.5 अरब डॉलर के नए उत्पाद बन रहे 'कचरा'

सिडनी, 29 मई 2025
ऑस्ट्रेलिया में ऑनलाइन खरीदारी के कारण नया संकट खड़ा हो गया है। एक ताज़ी रिपोर्ट के अनुसार, देश में 1.5 अरब डॉलर से अधिक के बिलकुल नए लेकिन बिना बिके उत्पाद अब कचरे में फेंके जा रहे हैं। यह आंकड़ा 2021 से अब तक तेज़ी से बढ़ा है और इसका मुख्य कारण ऑनलाइन खरीदारी में रिटर्न की बढ़ती दर को माना जा रहा है।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ग्राहकों द्वारा कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, जूते और घरेलू उपकरणों को बड़ी संख्या में ऑर्डर करने और फिर उन्हें वापस लौटाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इनमें से कई लौटाए गए उत्पाद दोबारा बिक्री के लायक नहीं रह जाते, या कंपनियों के लिए उन्हें दोबारा पैक और बेच पाना महंगा साबित होता है। ऐसे में लाखों नए और उपयोग न किए गए सामान सीधे लैंडफिल्स या रिसाइक्लिंग यार्ड में फेंक दिए जाते हैं।

पर्यावरण पर गंभीर असर
इन फेंके गए उत्पादों में अधिकतर प्लास्टिक, सिंथेटिक कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक घटक होते हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह "तेज़ फैशन" और "तेज़ उपभोग संस्कृति" का नतीजा है, जहां लोग बिना ज़रूरत के सामान खरीदते और लौटाते हैं।

उद्योग की प्रतिक्रिया
रिटेल और लॉजिस्टिक्स कंपनियां अब इस मुद्दे से निपटने के लिए नीतियाँ बना रही हैं। कई कंपनियां रिटर्न नीति को सख्त बना रही हैं, जबकि कुछ टिकाऊ पैकेजिंग और पुनः उपयोग की रणनीति अपना रही हैं।

सरकारी पहल की ज़रूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और कचरा प्रबंधन, टिकाऊ खरीददारी और उपभोक्ता शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए ताकि ऑनलाइन खरीदारी पर्यावरण के लिए खतरा न बने।

यह ट्रेंड न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बनता जा रहा है और यह सवाल उठाता है कि सुविधा की संस्कृति क्या हमारे पर्यावरण को भारी कीमत पर नहीं पड़ रही?