प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बुधवार को हुई फोन वार्ता में भारत ने आतंकवाद पर अपना सख्त रुख स्पष्ट कर दिया। दोनों नेताओं के बीच लगभग 35 मिनट लंबी बातचीत में पीएम मोदी ने "ऑपरेशन सिंदूर" और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई की जानकारी साझा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत अब आतंकवाद को "प्रॉक्सी वॉर" के रूप में नहीं, बल्कि सीधी युद्ध कार्रवाई के रूप में देखता है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को कुछ समय के लिए पाकिस्तान के विशेष अनुरोध पर रोका गया था, न कि अमेरिका की किसी मध्यस्थता, व्यापारिक सौदे या दबाव के चलते।
यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब पिछले महीने भारत द्वारा सीमा पार आतंकी शिविरों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और कूटनीतिक समीकरण तेजी से बदले हैं।
पीएम मोदी ने ट्रंप को दो टूक शब्दों में कहा –
"जो देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें अब इसके परिणाम भुगतने होंगे। भारत अब चुप नहीं बैठेगा।"
उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की प्राथमिकता अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा है, और इस दिशा में कोई भी समझौता अस्वीकार्य है।
"ऑपरेशन सिंदूर" भारत की विशेष सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसकी योजना उच्चस्तरीय खुफिया सूचनाओं और सटीक लक्ष्यविधि के आधार पर बनाई गई थी।
पीएम मोदी के इस स्पष्ट रुख ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संकेत दे दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाने को तैयार है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी भारत की आतंकवाद के विरुद्ध सख्त नीति की सराहना की और अमेरिका की ओर से सहयोग जारी रखने का भरोसा दिलाया।