तेहरान – ईरान ने चीन से बैलिस्टिक मिसाइल निर्माण के लिए बड़ी मात्रा में सामग्री मंगवाने का आदेश दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले महीनों में हजारों टन मिसाइल संबंधी सामग्री ईरान पहुंचने की उम्मीद है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब तेहरान और वॉशिंगटन के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही है।
सूत्रों के अनुसार, चीन से आयात की जाने वाली सामग्रियों में ठोस ईंधन, विशेष ग्रेफाइट, मिश्रधातुएं और अन्य तकनीकी रूप से संवेदनशील तत्व शामिल हैं, जिनका उपयोग मध्यम और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में होता है। यह गतिविधि वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम मध्य पूर्व में हथियारों की होड़ को और तेज कर सकता है। ईरान पहले ही अपने मिसाइल कार्यक्रम को लेकर पश्चिमी देशों की निगरानी में है, और इस ताजा विकास ने अमेरिका व उसके सहयोगियों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
इस बीच अमेरिका के विदेश विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए मिसाइल कार्यक्रम को तेज किया, तो उस पर और कठोर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
परमाणु वार्ता के लिए कोशिशें जारी हैं, लेकिन इस बीच ईरान द्वारा ऐसे कदम उठाना बातचीत के माहौल को बिगाड़ सकता है। चीन की भूमिका भी इस मसले में आलोचना के घेरे में आ सकती है क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और उसे परमाणु अप्रसार संधियों का पालन करने की जिम्मेदारी है।
यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में पश्चिम एशिया में सामरिक संतुलन को गहराई से प्रभावित कर सकता है।