तेल अवीव/तेहरान — पश्चिम एशिया में जारी तनाव के बीच इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इजराइली सेना ने ईरान के प्रमुख गैस और तेल परिसरों पर हमले कर दिए हैं, जिससे ईरान को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके साथ ही इजराइल ने दावा किया है कि ईरानी नेतृत्व ‘अपना सामान बांध रहा है’ — इशारा करते हुए कि डर और अस्थिरता अब ईरान के शासन के अंदर तक पहुंच चुकी है।
इजराइल ने यह भी आरोप लगाया है कि ईरान द्वारा की गई बदले की कार्रवाइयों में जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाया गया है। इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “तेहरान की यह रणनीति न केवल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि यह युद्ध अपराध के दायरे में आती है।”
आर्थिक झटका: ऊर्जा ढांचे पर हमला
इजराइली वायुसेना ने दक्षिणी और पश्चिमी ईरान में स्थित तेल रिफाइनरियों और गैस संयंत्रों को निशाना बनाया। इन हमलों से न केवल ईरान के ऊर्जा उत्पादन पर असर पड़ा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी झटका लगा है, जो पहले ही वैश्विक प्रतिबंधों और घरेलू अस्थिरता से जूझ रही है।
'लीडरशिप भागने की तैयारी में है'
इजराइल ने खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ईरान के कई शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेता सुरक्षित स्थानों पर भागने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, ईरान की तरफ से इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है।
ईरान की प्रतिक्रिया
तेहरान ने इजराइली आरोपों को “दुष्प्रचार” करार देते हुए कहा है कि उसके सभी सैन्य हमले केवल रणनीतिक और सैन्य ठिकानों पर केंद्रित थे। ईरानी रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि “अगर इजराइल ने सीमा पार की तो जवाब और भी तीखा होगा।”
अंतरराष्ट्रीय चिंता
संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टकराव इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो यह पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक सकता है।
यह संघर्ष अब केवल सैन्य नहीं रहा, बल्कि इसमें आर्थिक, कूटनीतिक और मानवीय पहलू भी शामिल हो गए हैं। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि क्या पश्चिम एशिया इस तनाव से उबर पाएगा या एक और व्यापक युद्ध की ओर बढ़ेगा।