सिडनी के सबसे प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूलों में उठे विवादों की आंधी

ड्रग्स, डीपफेक, साइबरबुलिंग और चरित्र पर सवाल: अमीरों के स्कूलों में नैतिक गिरावट का संकट

सिडनी के सबसे प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूलों में उठे विवादों की आंधी

सिडनी – ऑस्ट्रेलिया के सबसे अमीर और प्रतिष्ठित निजी स्कूल, जो अक्सर देश के भावी नेता, बिजनेस टाइकून और नामी हस्तियों को तैयार करते हैं, इन दिनों गंभीर विवादों के घेरे में हैं। इन विवादों ने न केवल स्कूलों की साख को धक्का पहुंचाया है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में नैतिक मूल्यों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

1. डीपफेक और साइबरबुलिंग का कहर

पिछले कुछ महीनों में सामने आए मामलों में पाया गया कि कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्रों ने डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सहपाठियों और शिक्षकों के अश्लील वीडियो बनाए और उन्हें सोशल मीडिया पर फैलाया। यह गंभीर साइबर अपराध न केवल निजता का उल्लंघन है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी विनाशकारी प्रभाव डाल रहा है।

2. स्कूल कैंप में ड्रग्स का धंधा

एक चर्चित प्राइवेट स्कूल के वार्षिक कैंप में छात्रों द्वारा नशीले पदार्थों का सेवन किए जाने की घटना सामने आई है। यहां तक कि कुछ छात्रों ने कैंप में ही ड्रग्स की तस्करी करने की कोशिश की, जिससे स्कूल प्रशासन और माता-पिता में चिंता की लहर दौड़ गई।

3. यौन शोषण और अनुशासनहीनता के मामले

कई स्कूलों में महिला छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार, आपत्तिजनक टिप्पणियां और शारीरिक उत्पीड़न के मामलों की शिकायतें भी दर्ज हुई हैं। कुछ स्कूलों में प्रशासन ने मामलों को दबाने की कोशिश की, जिससे जनता और अभिभावकों का आक्रोश और बढ़ गया।

4. सोशल मीडिया पर बदनाम करने की मुहिम

कई छात्रों ने अपने साथियों को बदनाम करने के लिए फर्जी अकाउंट्स और चैट ग्रुप्स का सहारा लिया। इन ग्रुप्स में जातीय टिप्पणी, यौन उत्पीड़न के चुटकुले और धमकियां आम थीं।

5. स्कूल प्रबंधन पर उठते सवाल

इन विवादों के सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन नामी स्कूलों में अनुशासन और नैतिक शिक्षा की कमी हो रही है? क्या शिक्षा अब केवल नाम और डिग्री तक सीमित रह गई है?


निष्कर्ष:
इन विवादों ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे स्कूल कितना भी प्रतिष्ठित हो, यदि वहां के छात्रों में नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारी की भावना नहीं होगी, तो पूरा तंत्र खोखला हो सकता है। माता-पिता और प्रशासन को अब सजग होने की आवश्यकता है – केवल ट्यूशन फीस और ब्रांडेड यूनिफॉर्म से भविष्य नहीं बनता, उसमें संस्कार और अनुशासन भी चाहिए।