सिडनी – सिडनी यूनिवर्सिटी ने छात्रों के लिए एक नया आचार संहिता लागू किया है जिसमें "लेक्चर-बैशिंग" यानी शिक्षकों की सार्वजनिक आलोचना पर रोक शामिल है। यह कदम शिक्षण परिसर में सम्मानजनक और सुरक्षित माहौल बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नए नियमों के अनुसार, अब छात्र किसी लेक्चरर या यूनिवर्सिटी स्टाफ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपमानजनक या व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर पाएंगे, चाहे वह सोशल मीडिया हो या यूनिवर्सिटी कैंपस।
वाइस चांसलर मार्क स्कॉट ने इस बदलाव को लेकर कहा, "हमने यह नियम इसलिए लागू किए हैं ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं। इससे छात्रों की भलाई और शैक्षणिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन बना रहेगा।"
यूनिवर्सिटी प्रशासन का मानना है कि इन नियमों से छात्रों के विचार रखने की स्वतंत्रता पर कोई अंकुश नहीं लगेगा, लेकिन सभी को जिम्मेदारी के साथ अपनी बात रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
हालांकि कुछ छात्र संगठनों ने इन नए नियमों को छात्रों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध मानते हुए आलोचना की है।
अब देखना यह होगा कि सिडनी यूनिवर्सिटी में यह नया कोड ऑफ कंडक्ट कितनी प्रभावशीलता से लागू होता है और इसका छात्रों और शिक्षकों पर क्या प्रभाव पड़ता है।