वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ बड़ा और विवादास्पद कदम उठाते हुए तत्काल प्रभाव से विदेशी छात्रों के नामांकन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने गुरुवार को हार्वर्ड को भेजे गए एक पत्र में सूचित किया कि विश्वविद्यालय का Student and Exchange Visitor Program (SEVIS) प्रमाणन रद्द कर दिया गया है। इसी प्रणाली के माध्यम से विदेशी छात्र अमेरिका में पढ़ाई की अनुमति पाते हैं।
ट्रंप प्रशासन का यह कदम तब आया है जब हार्वर्ड ने पूर्व राष्ट्रपति की उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय को उनके अनुसार "यहूदी विरोधी और वामपंथी विचारधारा" को बढ़ावा देने के आरोप में विशेष निगरानी में लाने की बात कही थी।
क्रिस्टी नोएम ने पत्र में लिखा, “हार्वर्ड यूनिवर्सिटी एक ऐसा वातावरण बना रही है जो यहूदी छात्रों के लिए असुरक्षित है, ‘प्रो-हमास’ भावनाओं को बढ़ावा देता है और नस्लभेदी ‘विविधता, समानता और समावेश’ की नीतियों को लागू करता है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह कदम देश के सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक चेतावनी है कि यदि वे ऐसे विचारों को प्रोत्साहित करेंगे, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इस निर्णय को "अवैध" और "समुदाय के लिए गंभीर नुकसानकारी" बताते हुए इसकी निंदा की है। विश्वविद्यालय के अनुसार, उसके छात्रों में लगभग 25% विदेशी नागरिक हैं, जिनकी शिक्षा और भविष्य इस निर्णय से प्रभावित होंगे।
यह मामला उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वतंत्रता और सरकार के हस्तक्षेप के बीच टकराव का प्रतीक बनता जा रहा है।
निष्कर्ष:
ट्रंप प्रशासन का यह कदम अमेरिका में विदेशी छात्रों की शिक्षा और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अब यह देखना होगा कि हार्वर्ड और अन्य संस्थान इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं।