कीव/नई दिल्ली:
रूस के भीतर गहराई तक सैन्य ठिकानों पर यूक्रेन द्वारा किए गए अब तक के सबसे दूरगामी ड्रोन हमले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस अप्रत्याशित कार्रवाई को यूक्रेन ने “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” नाम दिया है, जो न केवल रूस को, बल्कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है।
इस हमले के तुरंत बाद बिजनेस यूक्रेन मैगज़ीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट की जिसमें लिखा था:
"यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की = किंग ऑफ ड्रोन। अब किसके पास 'कार्ड्स' नहीं हैं?"
पोस्ट के साथ ज़ेलेंस्की की एक कार्ड के राजा के रूप में बनाई गई तस्वीर थी, जिसमें उनके हाथ में तलवारें थीं और चारों ओर ड्रोन उड़ते दिखाए गए थे।
यह व्यंग्य सीधा डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी पर था जो उन्होंने मार्च 2025 में वॉशिंगटन डीसी के ओवल ऑफिस में ज़ेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कही थी। ट्रंप ने कहा था, "तुम्हारे पास कोई कार्ड नहीं है। अगर हमारे साथ हो, तो तुम्हारे पास कार्ड हैं, वरना नहीं।"
लेकिन अब, केवल दो महीने बाद, कीव ने जिस तरह से रूस के एयरबेसों को ड्रोन हमले से निशाना बनाया है, उसने उस पूरी धारणा को उलट कर रख दिया है। जबकि हमले की वास्तविक क्षति का पूरा विवरण अभी सामने नहीं आया है, परंतु इस साहसी कार्रवाई ने यूक्रेन को ‘युद्ध की धारणा’ की लड़ाई में आगे पहुंचा दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला न केवल एक सामरिक कार्रवाई है, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक संदेश भी है। यह रूस को यह जताने का प्रयास है कि यूक्रेन अब केवल रक्षात्मक नहीं है, बल्कि अब वह आक्रामक और रणनीतिक तरीके से जवाब दे सकता है।
इसके अलावा, यह अमेरिका और नाटो को भी एक परोक्ष संकेत है कि ज़ेलेंस्की नेतृत्व वाले यूक्रेन को अब सहयोग की ज़रूरत तो है, पर वह अकेले भी दांव खेलने में सक्षम है।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन 'स्पाइडर वेब' ने यूक्रेन को न केवल सैन्य रूप से बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक मंच पर भी ताकतवर रूप में प्रस्तुत किया है। आने वाले दिनों में इस हमले के प्रभाव से रूस की रणनीति और पश्चिमी देशों की सहायता नीति दोनों पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।