सिडनी, 6 जून 2025 – न्यू साउथ वेल्स (NSW) के शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाली एक प्रमुख इकाई में 1,400 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों और सलाहकारों के व्यापक नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसने पारदर्शिता और खर्च पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह इकाई – जिसे राज्य सरकार द्वारा शिक्षा में नवाचार और सुधार के लिए स्थापित किया गया था – ने बीते कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में ठेके पर कर्मचारियों की भर्ती की है, जिनमें आईटी विशेषज्ञ, शिक्षा सलाहकार, प्रशासनिक कर्मचारी और नीति विश्लेषक शामिल हैं। इनमें से कई को निजी ठेकेदारों और परामर्श कंपनियों के माध्यम से तैनात किया गया है।
छिपी हुई लागत और जवाबदेही पर चिंता
आलोचकों का कहना है कि इस तरह के बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिंग से न केवल सरकारी धन का भारी व्यय हो रहा है, बल्कि इससे जवाबदेही की भी कमी हो रही है। सूत्रों का कहना है कि कुछ सलाहकारों को प्रतिदिन हजारों डॉलर की दर पर भुगतान किया जा रहा है, जबकि इनके कार्यों और प्रभाव का मूल्यांकन स्पष्ट नहीं है।
NSW शिक्षा मंत्री ने इस मामले की स्वतंत्र जांच के संकेत दिए हैं। "हम छात्रों के हित में हर खर्च की निगरानी कर रहे हैं और अगर किसी भी स्तर पर संसाधनों का दुरुपयोग हुआ है, तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी," उन्होंने कहा।
शिक्षकों और अभिभावकों की चिंता
राज्य भर के शिक्षकों और अभिभावकों ने इस खुलासे पर चिंता जताई है। एक शिक्षक संघ के प्रवक्ता ने कहा, "जब सरकारी स्कूल बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं, तब सलाहकारों पर भारी खर्च उचित नहीं है।"
सरकारी जवाबदेही की मांग
विपक्षी नेताओं और पारदर्शिता समर्थकों ने इस मामले को संसद में उठाने की योजना बनाई है और इस पूरे नेटवर्क की ऑडिट जांच की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो सरकारी शिक्षा प्रणाली में निजीकरण और गुप्त संचालन के आरोप और तेज हो सकते हैं।
यह खुलासा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारी शिक्षा प्रणाली में वास्तविक सुधार हो रहा है, या यह केवल आंकड़ों और दिखावे तक सीमित है।