अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी व्यापारिक जंग अब और भी उग्र होती जा रही है। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 104% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के ऐलान के चंद घंटे बाद ही चीन ने कड़ा जवाब देते हुए अमेरिका से आयातित उत्पादों पर 84% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एलान कर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैक्स वॉर वैश्विक व्यापार को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। दोनों देशों के बीच यह टकराव बीते कुछ वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन अब यह नई ऊंचाइयों पर पहुंचता दिखाई दे रहा है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "हम अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए यह निर्णय ले रहे हैं। अमेरिका की तरफ से उठाया गया हर कदम हमें मजबूर करता है कि हम भी वैसा ही जवाब दें।"
इस टैरिफ का असर सबसे अधिक टेक्नोलॉजी, कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ने की संभावना है। अमेरिकी कंपनियों के लिए यह एक झटका हो सकता है, जो पहले ही चीन के सख्त नियमों और टैक्स के कारण दबाव में हैं।
उधर, ट्रंप प्रशासन ने इस कदम को 'देश की अर्थव्यवस्था की सुरक्षा' के लिए आवश्यक बताया। ट्रंप ने कहा, "हम चीन के अनुचित व्यापारिक व्यवहार को और अधिक बर्दाश्त नहीं करेंगे। अमेरिका अब और झुकने वाला नहीं है।"
इस टैक्स वॉर का सीधा असर वैश्विक बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है और निवेशकों में असमंजस का माहौल बना हुआ है।