न्यूयॉर्क, 6 अप्रैल 2025 – शनिवार को अमेरिका की सड़कों पर अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ा, जब हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति उद्योगपति एलन मस्क के खिलाफ सड़कों पर उतरे। यह विरोध केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहा – न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी, लॉस एंजेलिस से लेकर लंदन और बर्लिन तक "Hands Off!" की गूंज सुनाई दी।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार और पूंजीपतियों के कथित गठजोड़, लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण, और आम जनता की आवाज को दबाने के प्रयासों के खिलाफ जोरदार नाराज़गी जाहिर की। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में हाथों में तख्तियां लिए युवाओं और बुजुर्गों का हुजूम नजर आया, जिनमें लिखा था – “अभी तो सिर्फ शुरुआत है” और “जनता जाग चुकी है”।
अधिकारों पर हमला:
प्रदर्शनकारियों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की नीतियाँ नागरिक स्वतंत्रता को सीमित कर रही हैं और एलन मस्क जैसी शख्सियतें राजनीतिक प्रभाव का अनुचित लाभ उठा रही हैं।
तकनीकी एकाधिकार:
मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर आरोप लगे हैं कि वे जनमत को प्रभावित करने, और विपक्षी विचारों को दबाने के लिए उपयोग हो रही हैं।
लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान:
यह आंदोलन लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आर्थिक न्याय के लिए एकजुटता का प्रतीक बन गया है।
प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा, “यह सिर्फ एक विरोध नहीं, एक आंदोलन है। हम लोकतंत्र को धन और ताकत की कठपुतली नहीं बनने देंगे। अब जनता बोलेगी और सुनी जाएगी।”
हालांकि व्हाइट हाउस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ट्रंप समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इन प्रदर्शनों को "राजनीतिक नौटंकी" बताया है। वहीं, एलन मस्क ने एक ट्वीट में लिखा, “अभिव्यक्ति की आज़ादी ज़रूरी है – चाहे वो मेरे खिलाफ ही क्यों न हो।”
कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया है कि यह विरोध लगातार जारी रहेगा और मई में वाशिंगटन में एक विशाल राष्ट्रीय रैली की तैयारी की जा रही है।
दुनिया के अलग-अलग कोनों में एक साथ उठी यह आवाज़ साफ संदेश देती है – जनता अब खामोश नहीं रहेगी।