उत्तर क्वींसलैंड में मेलिओइडोस बीमारी का कहर: बागवानी करने वालों के लिए चेतावनी

31 लोगों की मौत, 221 मामले सामने आए; विशेषज्ञों और रोगियों ने जताई गहरी चिंता

उत्तर क्वींसलैंड में मेलिओइडोस बीमारी का कहर: बागवानी करने वालों के लिए चेतावनी

टाउन्सविल, ऑस्ट्रेलिया – उत्तर क्वींसलैंड में इस साल मेलिओइडोस (Melioidosis) नामक खतरनाक बैक्टीरियल बीमारी के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिससे अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है और 221 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं।

मेलिओइडोस एक गंभीर जीवाणुजनित बीमारी है जो मिट्टी और गंदे पानी में पनपने वाले Burkholderia pseudomallei नामक बैक्टीरिया से फैलती है। यह बैक्टीरिया विशेष रूप से उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में सक्रिय रहता है।

टाउन्सविल निवासी और मेलिओइडोस से पीड़ित 54 वर्षीय जेम्स श्मिट ने बताया कि उन्हें फरवरी की शुरुआत में अपने शरीर पर एक फोड़ा महसूस हुआ था। अस्पताल में जांच और इलाज के बाद जब उन्हें छुट्टी दी गई, तो 24 घंटे के भीतर ही उन्हें वापस बुला लिया गया क्योंकि रिपोर्ट में मेलिओइडोस की पुष्टि हो चुकी थी। इस खतरनाक बीमारी ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि एक दौरे के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी तक टूट गई।

बागवानी करने वालों को सबसे अधिक खतरा
मेलिओइडोस मुख्य रूप से उन लोगों को अधिक प्रभावित करता है जो मिट्टी या गंदे पानी के संपर्क में आते हैं – जैसे किसान, माली, और घर के आसपास बागवानी करने वाले लोग। यदि शरीर पर कोई घाव हो, या व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो, तो यह बैक्टीरिया सीधे खून में प्रवेश कर सकता है और अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।

मेलिओइडोस से दो बार बच चुके 47 वर्षीय स्कॉट किर्स्टनफेल्ट ने बताया कि वे पहले नॉर्दर्न टेरिटरी के कासुअरीना क्षेत्र में ग्राउंड्सकीपर की नौकरी करते थे और घर पर भी नियमित बागवानी करते थे। उनका मानना है कि इससे उन्हें बार-बार इस बीमारी ने जकड़ा।

"यह बीमारी अत्यंत खतरनाक है और अगर समय पर इलाज न हो तो इससे अंग फेल हो जाते हैं और मौत तक हो सकती है। लोगों को इससे डरना चाहिए," उन्होंने कहा।

लक्षण और सावधानियां
मेलिओइडोस के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, न भरने वाले घाव, दौरे और अंगों में सूजन शामिल हैं। ये लक्षण संक्रमण के 2 से 4 सप्ताह बाद उभर सकते हैं, जिससे बीमारी की पहचान देर से होती है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जिन क्षेत्रों में भारी वर्षा और बाढ़ का खतरा अधिक होता है, वहां रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें। बागवानी करते समय दस्ताने पहनें, पैरों और हाथों पर कट या घाव न होने दें और गंदे पानी के संपर्क से बचें।

सरकारी प्रयास और जागरूकता अभियान की आवश्यकता
स्वास्थ्य विभाग फिलहाल इस अचानक बढ़े संक्रमण की वजहों की जांच कर रहा है। स्थानीय प्रशासन से अपील की जा रही है कि मेलिओइडोस को लेकर बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जहां लोग मिट्टी और पानी के ज्यादा संपर्क में आते हैं।

यह बीमारी भले ही आम न हो, पर एक बार लग जाने पर यह जीवन बदल देने वाला अनुभव बन सकता है। समय रहते सावधानी और जागरूकता ही बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।