सिडनी – ताइवान ने ऑस्ट्रेलिया से अपील की है कि वह चीन के दबाव के आगे न झुके और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते में ताइवान की सदस्यता का समर्थन करे।
ताइपेई आर्थिक और सांस्कृतिक कार्यालय के प्रतिनिधि डगलस हसु ने कहा कि यह समय है जब लोकतांत्रिक देश अपने साझा मूल्यों और आर्थिक साझेदारी को प्राथमिकता दें। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से आग्रह किया कि वह चीन की आपत्तियों के बावजूद व्यापारिक साझेदारी के इस महत्वपूर्ण मंच पर ताइवान को शामिल करने का समर्थन करे।
यह अपील ऐसे समय में आई है जब कई देश ट्रंप के संभावित दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समीकरणों को "ट्रंप-प्रूफ" यानी सुरक्षित और स्थिर बनाने के उपाय ढूंढ रहे हैं।
डगलस हसु ने कहा, “ताइवान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भागीदार है और उच्च तकनीक, नवाचार व लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ यह साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास को मजबूती देगी।”
इस व्यापार समझौते – जिसे Comprehensive and Progressive Agreement for Trans-Pacific Partnership (CPTPP) कहा जाता है – में ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। ताइवान की सदस्यता को लेकर चीन ने कड़ा विरोध जताया है और इसे ‘एक चीन नीति’ के खिलाफ बताया है।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ताइवान को समर्थन देना क्षेत्र में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और आर्थिक विविधता की दिशा में एक साहसी कदम होगा।
यह मामला आने वाले महीनों में ऑस्ट्रेलिया की विदेश नीति और चीन के साथ उसके संबंधों की दिशा तय करने में एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है।